शनिवार, 7 मार्च 2009

हैप्पी होली


आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं। होली करीब आते ही मन में रंगों की होली शुरू हो जाती है। मन करता है सबकों होली के रंग में रंग डालें। होली ही एक ऐसा त्यौहार होता है जिस दिन दोस्त और दुश्मन सभी पर रंग डाला जाता है। होली के करीब आते ही बच्चों में एक अलग सा उत्साह नजर आता है। स्कूल में ही छात्र कलम की स्याही अपने-अपने दोस्तों के कपड़ों पर डालने लग जाते हैं कुछ बच्चे रंग डालते है। मैं या आप ने भी शायद बचपन में ऐसा किया हेागा। सच में बचपन में होली खेलने में बहुत मजा आता था। होली ख्ेालने के लिए ना नुकूर करता, लेकिन फिर मन करता कोई आ जाए और रंग डाल दे। बहुत लोग ऐसे हैं जो झूठमूट होली खेलने के लिए मना करते हैं लेकिन उनका मन होली खेलने के लिए लालायित रहता है। और जैसी उन्हें कोई थोड़ा सा रंग लगा देता है वे होली के रंग में सराबोर हो जाते हैं। होली को बिछड़े यारों से मिलने का मौका भी मिलता है। क्यों कि सभी होली के दिन अपने-अपने घर आते हैं। बहुत अच्छा लगता है सभी से मिलकर। लेकिन बात जब रंगों की हो तो इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी हो जाता है कि रंग खुशियों के हों। इसलिए होली खेलते समय सावधानी जरूर बरतें। रंग और गुलालों में प्रयोग किए जाने वाले केमिकल्स आपकी त्वचा पर बुरा असर डालते हैं। असर इतना गहरा होता है कि वे पूरी जिंदगी के लिए नासूर हो जाते है। यदि ये केमिकल युक्त रंग गलती से आंखों में चले जाए तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इसलिए सही रहेगा की आप रंगो की बजाय हल्के गुलाल से होली खेले। रंग से मुंह रगडऩे की बजाय प्रेम से चुटकी भर गुलाल गाल पर लगाएं। तो एक बार फिर हैप्पी होली..........

मंगलवार, 3 मार्च 2009

कब सुधरेगा पाकिस्तान?


भारतीय उप महाद्वीप की जनता का जुनून कहा जाने वाला क्रिकेट आतंककारी हमले का निशाना बन गया। म्यूनिख ओलम्पिक (१९७२) के बाद दुनिया के इतिहास में दूसरी बार आतंककारियों ने खिलाडिय़ों को निशाना बनाया। लाहौर मेंदूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल शुरू करने के लिए गद्दाफी स्टेडियम जा रहे श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस पर करीब १२ अज्ञात नकाबपोश बंदूकधारियों ने ए.के. राइफलों, हैण्डग्र्रेनेड और राकेट लांचरों से हमला किया। हमले में छह खिलाड़ी और सहायक कोच, एक रिजर्व अम्पायर घायल हो गए। आतंककारियों की गोलियों से छह सुरक्षा कर्मी व एक बस चालक मारे गए। श्रीलंकाई क्रिकेटरों पर हमले से खेल जगत स्तब्ध रह गया।
उधर, हमलावरों को पकडऩे में विफल रहे पाक सुरक्षा तंत्र ने ४ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। लेकिन किसी भी आतंकी को पकडऩे में पाक नाकाम रहा। श्रीलंकाई क्रिकेटरों को ले जाती बस को अचानक निशाना बनाकर हिंसा और दहशत के सौदागरों ने साफ कर दिया है कि वे संबंधों और संस्कृतियों को बढ़ावा देनेवाली किसी भी पहल के दुश्मन हैं। लाहौर हमले से पाकिस्तान क्रिकेट को जो विराट क्षति पहुंचने वाली है, वह समूचे भारतीय उपमहाद्वीप के लिए चिंताजनक होनी चाहिए। अगर इस उपमहाद्वीप में क्रिकेट लडख़ड़ा गया, तो ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी कथित क्रिकेट महाशक्तियां भी उसे नवजीवन नहीं दे पाएंगी।
पर विडंबना देखिए कि ऐसी किसी साजिश को निर्मूल करने की प्रतिबद्धता जताने के बजाय पाकिस्तान भारत पर आरोप लगा रहा है। पाक के इस तरह के गैर जिम्मेदार रवैये से एक प्रश्न उठता है कि आखिर पाकिस्तान कब सुधरेगाï? पाकिस्तान ने मुंबई हमले में भी इसी तरह का रवैया अपनाया और अनाप-सनाप बेहुदे बयान देता रहा। शायद पाकिस्तान में बयान देना तो मामूली बात हो गई है कुछ भी बक दो। यदि पाकिस्तान समय रहते नहीं सुधरा तो एक दिन वह ऐसे रास्ते पर खड़ा होगा जहां एक तरफ कुआ और एक तरफ खाई होगी।