रविवार, 12 अप्रैल 2009
सियासत में सब जायज!
कहा जाता है प्रेम और जंग में सब कुछ जायज है। लेकिन अब राजनीति भी इसमें शामिल हो गई है। यहीं कारण है कि वोट की राजनीति के लिए नेता आज हर तरह के हथकंडे अपना रहे है। कुछ भी बको बस अखबार के पहले पन्ने पर और चैनल के प्रमुख समाचारों में तवज्जो मिल जाए। इन नेताओं की जीभ इतनी कड़वी हो गई है कि आजकल इनके मुंह से शब्दों की जगह जहर निकलने लगा है। हो सकता है ये नेता ऐसा उल-जुलूल बयान किसी विशेष संप्रदाय के वोट पाने की खातिर अपना रहे हो, लेकिन यह हमारे लोकतंत्र के लिए बहुत की घातक है और आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे। एक तरफ जहां वरुण गांधी ने सांप्रदायिक भाषण दिया, तो दूसरी ओर राबड़ी देवी ने एक मुख्यमंत्री के लिए इतने भद्दे शब्दों का प्रयोग किया। क्या एक पूर्व मुख्यमंत्री के लिए किसी सीएम के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग उचित है? खैर मैं तो इससे सहमत नहीं हूं। हमारे देश में ऐसे बयाने देने वाले नेताओं की एक फौज सी खड़ी हो गई है। जिस तरह लालू प्रसाद यादव ने वरुण गांधी को रोलर के नीचे कुचलने का कथित भाषण दिया उससे आप सोच सकते है कि हमारे देश के नेताओं की कैसी सोच है। सब कुछ सिर्फ वोट के लिए कुछ भी बको छूट जो मिली है! बात यहां तक आ गई है कि नेता एक दूसरे के निजी जीवन पर भी टिप्पणी करने से नहीं चूक रहे है। अगर हमारे देश में ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन इसके बहुत बुरे परिणाम सामने आएंगे।
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