गुलाबी शहर
रविवार, 28 सितंबर 2008
खौफजदा चेहरे
हर धमाके के बाद यही स्थिति बनती है, थोड़ी देर बाद सब सामान्य हो जाता है, बाकी रह जाते हैं बस खौफजदा चेहरे, कभी न थमने वाले आंसू और चीखें.. कब थमेगा यह सिलसिला, कब मिटेगी चेहरों से ये दहशत?
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