बुधवार, 29 जुलाई 2009
जयपुर की पूर्व राजमाता का निधन
शाही शानोशौकत का जीवंत प्रतीक रही जयपुर की पूर्व राजमाता गायत्री देवी आज हम सबको छोड़कर हमेशा के लिए चली गई। अपनी युवावस्था में दुनिया की दस खूबसूरत महिलाओं में निनी जाने वाली गायत्री देवी का लंबी बीमारी के बाद 90 साल की उम्र में देहांत हो गया। कूच बिहार के पूर्व राजवंश की राजकुमारी गायत्री देवी ने जयपुर की रियासत के आखिरी राजा सवाई मानसिंह द्वितीय से विवाह किया और वो तत्कालीन महाराजा की तीसरी महारानी के रू प में जयपुर आई। गायत्री देवी के निधन पर सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई हस्तियों ने शोक जताया है।
लंदन में जन्मी गायत्री देवी की प्रारंभिक शिक्षा शान्ति निकेतन में हुई। बाद में उन्होंने स्विट्जरलैंड के लाजेन में अध्ययन किया। उनका राजघराना अन्य राजघरानों से कहीं अधिक समृद्धशाली था। गायत्री देवी ने 15 अक्तूबर 1949 को पुत्र जगत सिंह को जन्म दिया। महारानी गायत्री देवी को बाद में राजमाता की उपाधि दी गई। जगत सिंह का कुछ साल पहले ही निधन हो गया था। जगत सिंह जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह के सौतेले भाई थे। गायत्री देवी की शुरू से ही लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने में रुचि रही यही कारण रहा कि गायत्री देवी ने गायत्री देवी गल्र्स पब्लिक स्कूल की शुरूआत की। इस स्कूल की गणना जयपुर के सर्वोत्तम स्कूलों में आज भी है। पूर्व राजमाता ने जयपुर की 'ब्लू पोटरी ’ कला को भी जमकर बढ़ावा दिया।
गायत्री देवी 1939 से 1970 के बीच जयपुर की तीसरी महारानी थीं। वह अपने अप्रतिम सौन्दर्य के लिए जानी जाती थीं। वह एक सफल राजनीतिज्ञ भी रहीं। वह अपने समय की फैशन आइकन मानी जाती थीं। राजघरानों के भारतीय गणरा’य में विलय के बाद गायत्री देवी राजनीति में आईं और जयपुर से 1962 में मतों के भारी अंतर से लोकसभा चुनाव जीता। गायत्री देवी का जन्म 23 मई 1919 को लंदन में हुआ था। पूर्व महारानी ने सुंदरता की दौड़ में अव्वल रहने के साथ साथ राजनीति क्षेत्र में भी अपना परचम लहराया और वर्ष 1967 और 1961 में भी उन्होंने जयपुर से लोकसभा सीट पर भारी मतों से जीत अर्जित की।
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2 टिप्पणियां:
श्रृद्धांजलि!!
श्रृद्धांजलि
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