रविवार, 18 जनवरी 2009

अलविदा मैथ्यू

पिछले काफी समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज मैथ्यू हेडन को आखिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कहना पड़ा। मजबूत कद-काठी और दमदार स्ट्रोक प्ले में माहिर मैथ्यू हेडन अपने चरम पर दुनियाभर के दिग्गज गेंदबाजों की नींद उड़ाते रहे। हेडन ऑस्ट्रेलिया के सबसे कामयाब आेपनर माने जाते हैं।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगाज

हेडन ने वर्ष १९८४ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने कैरियर का आगाज किया और अंत भी उसी के खिलाफ १०३वां मैच खेल कर किया। उन्होंने १०३ टेस्ट मैचों में ५०।७३ की औसत से ८६२५ रन बनाए। हेडन ने तीस टेस्ट मैचों में शतक जमाया जिनमें से २२ में ऑस्टे्रलियाई टीम को जीत हासिल हुई।

भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा सफल

भारत के खिलाफ हेडन सबसे ज्यादा सफल हुए। उन्होंने भारत के खिलाफ १८ मैचों में छह शतक समेत १८९७ रन बनाए। उनका औसत भारतीय टीम के खिलाफ ५९ का रहा। २००३ में जिम्बाब्वे के खिलाफ ३८० रन बनाकर हेडन ने कुछ दिनों के लिए ही सही टेस्ट मैचों में एक पारी में सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड भी बनाया था। दो विश्वकप खेल चुके हेडन के बल्ले ने एक दिवसीय मैचों में भी खूब धूम मचाई। उन्होंने १६१ वनडे मैचों में ४३।८० की औसत से ६१३३ रन बनाए जिसमें १० शतक शामिल है। अपने कॅरियर में हेडन को एलन बॉर्डर मेडल २००२, टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर २००२ और विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर २००३ पुरस्कार मिला।



खराब फॉर्म के चलते लिया संन्यास!


टेस्ट कैरियर के १०३ टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करने वाले हेडन न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के साथ हुई हालिया सीरीज में कुछ खास नहीं कर पाए। इन दोनों टेस्ट सीरीजों में उन्होंने महज १६।५५ की औसत से सिर्फ १४९ रन बनाए। हेडन को शायद इसी का खामियाजा भुगतना पड़ा और उन्हें दक्षिण अफ्रीका के साथ खेली जाने वाली वनडे सीरीज और ट्वेंटी-२० मैच से दरकिनार कर दिया गया। अपने चयन न होने से नाखुश हेडन ने उसी समय संन्यास लेने का संकेत दे दिया था। हांलाकि उन्होंने यह भी कहा था कि यदि उनके साथी यह कह दें कि अब उनके जाने का वक्त आ गया है तो वे तुरंत क्रिकेट छोड़ देंगे लेकिन अभी उनसे एेसा किसी ने नहीं कहा था। हेडन के संन्यास लेने की यह घोषणा निश्चय ही उनका एक श्रेष्ठ लेकिन परिस्थितिजन्य मौलिक निर्णय है। साथ ही उदाहरण भी है उन तमाम क्रिकेट खिलाडिय़ों के लिए जो बार-बार असफल होने के बावजूद पिच पर बने रहने की जद्दोजहद करते रहते हैं। यकीन तो मानना ही होगा कि अब ऑस्ट्रेलिया की एक विस्फोटक बल्लेबाजी पर लंबे समय के लिए बे्रक लग गया है। उम्मीद है खराब फॉर्म से गुजर रहे भारतीय क्रिकेटर भी हेडन से सबक लेते हुए देश की नई प्रतिभाओं को सामने लाने का सुअवसर देंगे।


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